Tuesday, October 27, 2020

Hindi poem - Neeli pattiyan / नीली पत्तियाँ

 


= नीली पत्तीयां =

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आसमान से रंग चुराकर 

नीली हो गई हरी पत्तियाँ

मिलने लगे हैं अब हाट पर 

नीला पालक नीली सब्जियां 

आसमान से रंग चुराकर 

नीली हो गई हरी पत्तियाँ 


कुछ तो लाल पीले भी थे 

गहरा कत्थई बागों में खिले भी थे 

आसमां संग घुल गई है 

खेतों की ये बस्तियां 

आसमान से रंग चुराकर 

नीली हो गई हरी पत्तियाँ 


जंगल झाड़ अब नहीं दिखते 

अंतरिक्ष की ऊंचाई से 

तिनका तिनका नीला पड़ गया 

अद्भुत सी सिंचाई से 


सूर्य की नीली रोशनी पड़ी है 

नहीं जलती अब लाल बत्तीयां 

आसमान से रंग चुराकर 

नीली हो गई हरी पत्तियाँ  ..!!


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@ Subodh Rajak //-


हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं ! 

hhtps://subodhrajak.blogspot.com


आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है!  पुनः पधारे,  धन्यवाद  !!


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